अस्पतालों में आग की वजह

 

अस्पतालों में आग की वजह

मई 2024 में दिल्ली के विवेक विहार स्थिति बेबी केयर अस्पताल में भी आग लग गई थी. हादसे में सात बच्चों की मौत हुई थी


दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक अतुल गर्ग का कहना है कि राजधानी में 99 प्रतिशत आग लगने के मामले इलेक्ट्रिक फ़ॉल्ट की वजह से होते हैं.

बीबीसी से बातचीत में वह कहते हैं, "अगर आप अस्पताल में आग लगने की घटना का विश्लेषण करेंगे तो पाएंगे कि ज्यादातर आग शॉर्ट सर्किट, ओवर लोडिंग और मशीनों की ओवर हीटिंग की वजह से लगती है."

वह कहते हैं, "शॉर्ट सर्किट कई वजहों से हो सकता है. वायरिंग पुरानी होने पर जब बिजली पास करती है तो उनके ऊपर का इंसुलिन गल जाता है. कई बार सर्किट उस हिसाब से नहीं बना होता जितनी बिजली आप उससे ले रहे हैं. एमसीबी ठीक से काम नहीं करने पर भी शॉर्ट सर्किट हो जाता है."

गर्ग कहते हैं, "हमें समय-समय पर वायरिंग चेक करानी चाहिए और सबसे ज्यादा ख्याल परिसर में लगे इलेक्ट्रिक मीटर का रखना चाहिए. ज्यादातर मामलों में सामने आता है कि इलेक्ट्रिक मीटर सीढ़ियों के नीचे या परिसर के अंदर मौजूद हैं."

"ऐसी स्थिति में शॉर्ट सर्किट बड़ी आग में तब्दील हो जाता है. अगर मीटर को बाहर रखेंगे तो मुझे लगता है कि आग लगने के मामलों में 50 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है."

वह कहते हैं, "अस्पताल की आग को हमारे यहां सबसे मुश्किल आग माना जाता है. अस्पताल में कोई चोटिल होगा, किसी का ऑपरेशन हो रहा होगा, कोई बच्चा इनक्यूबेटर पर होगा. वे आग लगने पर नहीं भाग सकते."

"ऐसे मामलों में हमें ज्यादा फायर टेंडर भेजने पड़ते हैं. सामान्य मामलों में अगर हम दो फायर टेंडर भेज रहे हैं तो यहां छह फायर टेंडर जाएंगे."

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